Sheikh Hasina resigns: शेख हसीना ने देश को छोड़ा?

Bangladesh में आरक्षण विरोधी आंदोलन सोमवार को और उग्र हो गया। हजारों प्रदर्शन करने वाले लोग प्रधानमंत्री Sheikh Hasina के आवास में घुस गए। Dhaka में हालात बेकाबू हो गए है। Hasina को प्रधानमंत्री पद से इस्‍तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा।

सवाल ये है की क्या हमारा पड़ोसी देश Bangladesh भी Myanmaar और Pakistan की राह पर चल पड़ा है? या फिर China की छल के आगे लोकतंत्र ने घुटने टेक दिए हैं। कई दिनों से Bangladesh में चल रहा आंदोलन अब बेकाबू हो चला है और हालात इस तरह खराब हो चुके हैं कि प्रधानमंत्री Sheikh Hasina को देश छोड़कर भागना पड़ा है।

अनियंत्रित आंदोलनकारियों के आगे कानून-व्यवस्था ने लगभग दम तोड़ दिया है। राजधानी Dhaka हुड़दंगियों के हवाले हो चुकी है और प्रधानमंत्री के निवास पर अव्यवस्था के निशान चारों ओर दिखाई दे रहे हैं। गृहमंत्री का घर आग के हवाले हो चुका है और पार्टी के offices को जला दिया गया है।

इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने Bangladesh के निर्माणकर्ता और Sheikh Hasina के पिता Sheikh Mujibur Rahman की मूर्ति को भी तोड़ दिया है। प्रधानमंत्री Sheikh Hasina को कई दिनों पहले ही यह समझ आ गया था कि देश की कमान उनके हाथों से निकल चुकी है। Monday को वो अपना विदाई भाषण दे ही रहीं थीं कि अचानक आंदोलनकारी वहां पहुंच गए और हसीना को जान बचाकर भागना पड़ा।

उधर, Dhaka में सेना प्रमुख जनरल waqar-uz-zaman ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की। Bangladesh newspaper “prothom alo” के मुताबिक, प्रधानमंत्री Sheikh Hasina इस्‍तीफा देने के बाद बहन Rehana संग मिलिट्री हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गईं।

Bangladesh में सेना बनाएगी temporary सरकार

सेना प्रमुख जनरल waqar-uz-zaman ने Sheikh Hasina के इस्तीफे की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अब सेना temporary सरकार बनाएगी। हम हालात काबू में लेकर आएंगे, भरोसा रखें।

Hasina ने प्रदर्शन करने वालो को क्या कहा?

Sheikh Hasina और उनकी सरकार ने शुरुआत में कहा कि नौकरि में आरक्षण को लेकर हो रहे प्रदर्शन में छात्र शामिल नहीं थे। साथ ही साथ झड़पों और आगजनी के लिए Islamic party, jamaat-e-islami और मुख्य विपक्षी दल Bangladesh Nationalist Party को जिम्मेदार ठहराया।

Sunday को दोबारा हिंसा भड़कने के बाद Hasina ने कहा, ”जो लोग हिंसा कर रहे हैं, वे छात्र नहीं बल्कि terrorist हैं, जो कि देश को अस्थिर करना चाहते हैं। मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि वे इन terrorist को रोकने के लिए एकजुट हो जाएं।”

Sheikh Hasina का इस्‍तीफा क्यों मांग रहे प्रदर्शनकारी?

नौकरियों में आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे लोग हुई हिंसा और मौत के लिए Hasina सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। Hasina के विरोधी ने भी उनकी सरकार पर प्रदर्शन करने वाले लोगो के खिलाफ बल का अतयधिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इसलिए लोग Sheikh Hasina से उनकी इस्‍तीफा की मांग कर रहे थे। हालांकि Hasina की सरकार इन आरोपों से इनकार करती रही है।

Bangladesh में प्रदर्शन कब और क्यों शुरू हुए?

Bangladesh के सरकार ने साल 2018 में विभिन्न समुदाय को मिलने वाला 56 % आरक्षण खत्म कर दिया था। इस साल 5 जून को Dhaka हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को उलट दिया और आरक्षण को फिर से लागू कर दिया| इसके बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए, जिनमें 150 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गवा दी|

प्रदर्शनकारी मांग कर रहे कि…

  • प्रधानमंत्री Sheikh Hasina सबके सामने माफी मांगे।
  • प्रधानमंत्री पद से Hasina अपना इस्‍तीफा दें।
  • Internet connection की बहाली करें।
  • College और University को फिर से खोलें।
  • गिरफ्तार प्रदर्शन करने वालो को जल्द से रिहा करें।

Hasina January में लगातार चौथी बार PM बनी थीं 

76 वर्षीय Sheikh Hasina ने इसी साल January में लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री पद संभाला था। जनवरी में हुए आम चुनाव में Hasina की पार्टी Awaami League ने 300 सीटों में से 204 सीटों पर जीत दर्ज की थी,जबकि Hasina ने लगातार आठवीं बार चुनाव जीता था। हसीना पहली बार 1986 में चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं।

हसीना के प्रधानमंत्री के तौर पर यह पांचवां कार्यकाल था। पहली बार वे साल 1996 से 2001 तक पीएम रही थीं। इसके बाद साल 2009 में फिर प्रधानमंत्री बनीं। तब से 5 अगस्त 2024 तक यानी आज तक सत्ता पर बनी रही।

क्या Bangladesh में फिर से पायेगी लोकतांत्रिक सरकार?

पूरे घटनाक्रम के बाद Bangladesh में लोकतंत्र का क्या होगा, इसका इंतजार करना होगा। वहां पिछले 15 साल से कोई दूसरी राजनीतिक पार्टी नहीं है। अभी सेना अल्पकालिक सरकार बना रही है|

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